बाल कविता – परीक्षा आई
परीक्षा आई परीक्षा आई मन हमारा बड़ा घबराए। कहीं हम फेल न हो जाए पर एक थी चीकू रानी पढ़ती
Read Moreपरीक्षा आई परीक्षा आई मन हमारा बड़ा घबराए। कहीं हम फेल न हो जाए पर एक थी चीकू रानी पढ़ती
Read Moreचींटी जब पथ पर बढ़ती है। ऊँचे पर्वत पर चढ़ती है।। चढ़ती फिर नीचे गिर जाती। गिर गिर कर मंजिल
Read Moreसही समय विद्यालय जाते। बच्चे वही सफलता पाते।। जल्दी जगना जल्दी सोना। स्वस्थ देह दिमाग भी होना।। गुरु जी हमें
Read Moreसुबह हुई तो बाँग लगाता। मुर्गा गीत कुकड़ कूँ गाता।। कहता हमसे जागो प्यारे। आलस छोड़ो सुबह सकारे।। अपने साथ
Read Moreनन्हीं सी प्यारी-प्यारी चिड़िया इतनी भारी सर्दी में बैठी मेरी छत की मुंडेर पर गुटुर-गुटुर… चीं-चीं, चूं-चूं करती है |
Read Moreएक नन्ही सी छोटी चिड़िया, चिड़िया के हुए चार बच्चे। चारो बच्चे बड़े अच्छे अच्छे, चिड़िया को दाने की तलाश।
Read Moreठिठुरन बढ़ गयी भालू मामा, सर्दियां देखो फिर से आई। छोटी सी ये चिड़िया तुम्हारी, ठंड से बहुत ही कपकपाई।।
Read Moreआँख मूंदकर सोते बच्चे, प्यारे बच्चे दुलारे बच्चे। सूरज ताऊ सर पर आये, बच्चे पडे़ फिर भी अलसाये। उठ कर
Read Moreमैं बहुत अच्छा हूॅ॑ क्योंकि अभी सच्चा हूॅ॑ मुझें क ख ग घ नहीं आता क्योंकि मैं अभी बच्चा हूॅ॑।
Read More