*जग-मग सबकी मने दिवाली*
जग-मग सबकी मने दिवाली, खुशी उछालें भर-भर थाली। खील खिलौने और बताशे, खूब बजाएं बाजे ताशे। ज्योति-पर्व
Read Moreजग-मग सबकी मने दिवाली, खुशी उछालें भर-भर थाली। खील खिलौने और बताशे, खूब बजाएं बाजे ताशे। ज्योति-पर्व
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत) अंधकार से जीते उजाला, तभी दशहरा होता है. शांति की हो विजय नाद
Read Moreआई दिवाली आई दिवाली। झड़ी ख़ुशी की लाई दिवाली।। पिंकी बिट्टू ध्यान ज़रा दो, बबली चिंटू मान ज़रा लो। बम
Read Moreएक बार जंगल में स्थित झरबेरी बड़ी मगन थी देवदार भी खड़ा प्रेम से उसको जीवन से लगन थी झरबेरी
Read Moreनन्हे मुन्ने बच्चों को समर्पित……. ” चुन्नू मुन्नू” आओ खेलें चुन्नू मुन्नू मिलकर सब कोई खेल, बातें करें एक दूजे
Read More” निराला बचपन ” बचपन की वो शरारतें वो पहली बारिश में भीगना, मिट्टी की सोंधी सोंधी सुगंध उष्ण तन-
Read Moreबापू तेरी शान निराली, राष्ट्रपिता तुम कहलाए, ऐसी आंधी बनकर आए, अंग्रेजों को भगा पाए. तुमने हमको सिखलाया है, सच
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