बाल कविता

बाल कविता

“बच्चे होते स्वयं खिलौने”

सीधा-सादा, भोला-भाला। बचपन होता बहुत निराला।। बच्चे सच्चे और सलोने। बच्चे होते स्वयं खिलौने।। पल में रूठें, पल में मानें।

Read More