दिवाली का पावन पर्व
प्यारे बच्चो! तुम्हें बताऊं, दिवाली की कथा सुनाऊं। दिया जलाकर घर सजाऊं; खुशियों का यह पर्व मनाऊं।। बहुत पहिले अवधपुरी
Read Moreप्यारे बच्चो! तुम्हें बताऊं, दिवाली की कथा सुनाऊं। दिया जलाकर घर सजाऊं; खुशियों का यह पर्व मनाऊं।। बहुत पहिले अवधपुरी
Read More1.बायोस्कोप आओ-आओ बायोस्कोप देखो, पंसेरी का चूहा देखो, बारह मन की धोबन देखो, पैसा फेंको, तमाशा देखो. गागर में भर
Read Moreआज मेरी बुआ की चिट्ठी आई है मोती की तरह सुंदर, उनकी लिखाई है, परिवार की हर बेटी को उन्होंने
Read More1.टेलीफोन ”हैलो-हैलो, आप हैं कौन? जल्दी बोलें, रहें न मौन, कैसे पता मुझे लग पाए, किसने किया है टेलीफोन.” ”मैं
Read Moreमुझे याद है माँ की लोरी। माँ थी मेरी कितनी भोरी।। बिस्तर जब गीला हो जाता। रोकर अपना कष्ट बताता।।
Read Moreसुबह जगाने आता सूरज, शाम सुलाने आता चंदा। गर अदला-बदली हो जाए, झूम – झूमकर गाए बंदा।। पता नहीं सूरज
Read Moreगरम समोसे मुसकाते हैं ,मुँह में पानी वो लाते हैं। तीन नुकीले कोनों वाले ,सबके मन को ललचाते हैं। स्वाद
Read Moreमैं अपनी मम्मी-पापा के,नयनों का हूँ नन्हा-तारा।मुझको लाकर देते हैं वो,रंग-बिरंगा सा गुब्बारा।।—मुझे कार में बैठाकर,वो रोज घुमाने जाते हैं।पापा
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