दोहे—टुकड़े टुकड़े हो गये
टुकड़े टुकड़े हो गये, बिखर गया परिवार। पहले जैसा अब कहां, रहा दिलों में प्यार। टुकड़े टुकड़े हो गये, अब
Read Moreटुकड़े टुकड़े हो गये, बिखर गया परिवार। पहले जैसा अब कहां, रहा दिलों में प्यार। टुकड़े टुकड़े हो गये, अब
Read Moreबातें कड़वी मत करें, करें सभी से प्यार तब पाओगे ही सदा, सफल सुखी संसार ऊपर से शरीफ दिखे, भीतर
Read Moreसंशय संशय मन मत पालिए, संशय करे तबाह । संशय की दीवार को, दो इक पल में ढाह। बदलें कब हालात
Read Moreबंदर जैसे स्वाद, अदरक का जाने नहीं।ज्ञान न उसको नाद , जो बहरा है कान से।।रखे घूमता नित्य, ज्ञान –
Read Moreराही मनवा सोच ले, आया तू किस काम। नेक सदा ही कर्म कर ,जप ले हरि का नाम।। राही मनवा
Read Moreपावन बहुत प्रयाग,चलो करें वंदन अभी। गुंजित सुखमय राग,रहें हर्षमय हम सभी।।(1) कितना चोखा मास,कहते जिसको माघ हम। जीवित रखता
Read Moreभेदभाव मन में रखें, मत कर उससे बात दूरी बनाकर रखिये, हरदम यारों तात ग़रीब रहता है सदा, रोटी से
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