(पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल के उपलक्ष्य में ) इस पृथ्वी पर हो रहे भयंकर प्रदूषण से समस्त जीवों, वनस्पतियों और मानवप्रजाति को भी जो उक्त जैवमण्डल का ही एक अत्यन्त छोटा सा भाग है, को बचाने के लिए हमें अत्यन्त शीघ्र कदम उठाने ही होंगे। हमारे भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पर्यावरण को बचाने हेतु पिछले […]
पर्यावरण
पिता गौरैया और माँ गौरैया के स्वभाव में मूलभूत अन्तरः एक सजग आकलन
हमारे घर में आजकल सैकड़ों गौरैयों के घोसलों में उनके बच्चों की किलकारियां गूँज रहीं हैं। प्रातःकाल सूर्योदय के साथ ही नन्हीं माँ गौरैया अपने बच्चों की परिवरिश करने और सेवा करने में जुट जाती है, यथा उन्हें खाना खिलाना,पानी पिलाना,घोसले की साफ-सफाई करना और उनके मल को अपने चोंच में ले जाकर दूर फेंकना […]
अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की बेकार बैटरी बनाम अंतरिक्ष में भी प्रदूषण !
अभी पिछले दिनों दुनियाभर के समाचार माध्यमों में यह समाचार सुर्खियों में रहा कि अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मतलब आईएसएस ने अपने एक पुरानी और बेकार हो चुकी 2.9 टन वजन की बैटरी को अपने अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर अंतरिक्ष में कूड़े की तरह फेंक दिया है, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी या नासा के विशेषज्ञों के अनुसार […]
20 मार्च : विश्व गोरैया दिवस
भारत में लगातार ही गोरैया घटती जा रही है, किंतु इसे सिर्फ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का आसरा है, जबकि ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में यह पक्षी रेड अलर्ट लिस्ट में शामिल है । पक्षी वैज्ञानिक संवेदनशील है, किंतु अपनी ही सुख-सुविधा और विलासिता में डूबे लोग गोरैया की विलुप्तता को गाम्भीर्यमूलक नहीं लेते हैं […]
विश्व गौरैया दिवस पर विशेष : क्यों रूठ गया हमसे आंगन का पंछी
आज से दो-तीन दशक पूर्व तक हमारे घरों में एक नन्ही प्यारी चिड़िया की खूब आवाजाही हुआ करती थी। वह बच्चों की मीत थी तो महिलाओं की चिर सखी भी। उसकी चहचहाहट में संगीत के सुरों की मिठास थी और हवा की ताजगी का सुवासित झोंका भी। नित्यप्रति प्रातः उसके कलरव से लोकजीवन को सूर्योदय […]
गौरैया रानी, समस्त पक्षीजगत व जीव जगत के सभी जीव-जन्तुओं की हम मनुष्यों से एक मार्मिक अपील
देखिए ! अब धूप तेज हो गई है। हमें भी भयंकर गर्मियों में जानलेवा प्यास लगती है। पहले हम लोग इस धरती पर कहीं भी,किसी भी प्राकृतिक व मनुष्य निर्मित किसी भी जलश्रोत पर पानी पी लेते थे,यथा नदी के किनारे,तालाब,कुँए के आसपास,बावड़ी,हैंडपंप और किसानों द्वारा खेत की सिंचाई के लिए लगाए गए ट्यूबवेल पर […]
ताकि गौरैया और अन्य पक्षी इस धरती पर बचे रहें
साँसों के स्पंदन से युक्त इस पृथ्वी, इसका जैवमण्डल और इस भूमंडल पर जन्म लेने वाली एक नन्हीं चींटी से लेकर इस जैवमण्डल की सबसे बड़ी स्तनपाई जीव ह्वेल तक को इस धरती पर जीने का उतना ही अधिकार और ह़क है, जितना हम, स्वयं मनुष्य प्रजाति को। मनुष्य प्रजाति को यह कतई अधिकार नहीं […]
पर्यावरण प्रदूषण से जूझता भारत
पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है -“परी + आवरण” जिसका अर्थ- ‘परी’ का है -‘चारों ओर’ तथा “आवरण” का अर्थ है- घेरा। यानी हमारे चारों ओर फैले वातावरण के आवरण (घेरे) को पर्यावरण कहते हैं। वायु, जल, भूमि, वनस्पति, पेड़- पौधे, पशु मानव सब मिलकर पर्यावरण बनाते हैं।{1} पर्यावरण के अंतर्गत स्थलमंडल, जलमंडल, […]
हिमालय देवभूमि को सुरक्षित रखना समय की जरूरत है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ग्लेशियर के फटने के बाद आई बाढ़ की वजह से वैज्ञानिक समुदाय अब भी यह समझने के लिए संघर्ष कर रहा है कि येआपदा किस वजह से हुई। इसका उत्तर इतिहास के साथ-साथ वर्तमान विकास संबंधी मुद्दों पर भी है, हम इस बात को मना नहीं कर सकते। पुरातात्विक […]
ताकि गौरैया और अन्य पक्षी व इस धरती का समस्त जैवमण्डल बचा रहे.
साँसों के स्पंदन से युक्त इस पृथ्वी, इसका जैवमण्डल और इस भूमंडल पर जन्म लेने वाली एक नन्हीं चींटी से लेकर इस जैवमण्डल की सबसे बड़ी स्तनपाई जीव ह्वेल तक को इस धरती पर जीने का उतना ही अधिकार और ह़क है, जितना हम,स्वयं मनुष्य प्रजाति को। मनुष्य प्रजाति को यह कतई अधिकार नहीं है […]