धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

नमस्ते और स्वामी दयानंद

भारत के केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने दिनांक 21 मार्च 2023 को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- “क्या आप जानते हैं कि ‘नमस्ते’ शब्द महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने हमको दिया? वरना शायद हम आज अभिवादन के लिए किसी विदेशी शब्द का इस्तेमाल कर रहे होते।” मंत्री जी […]

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ऋषि परम्परा के स्तम्भ भगवान परशुराम

ब्रह्म शक्ति के बिना क्षात्र शक्ति पुष्ट नहीं हो सकती। क्षात्र शक्ति के बिना ब्रह्म शक्ति वृद्धि को प्राप्त नहीं होती। दोनों के पारस्परिक सहयोग से ही कल्याण सम्भव है। त्रेता युग में ऐसा समय आया था जब क्षात्र शक्ति आतताई का रूप धारण कर गई थी। कार्तवीर्य पराक्रमी प्रतापी राजा था। भगवान दत्तात्रेय की […]

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ब्रह्म, वायु पुत्र, प्रकांड विद्वान, ज्योतिष विद्वान, संगीतज्ञ: रामभक्त हनुमान

हनुमान जयन्ती (5 अप्रेल) विशेष ब्रह्मचारी राम भक्त हनुमान रामायण के प्रतिष्ठित एंव बलपूर्वक पात्र हैं। संजीवनी बूटी लाकर लक्षमण को जीवंत करना उनका एक सर्वश्रेष्ठ उद्यम माना जाता है। वह मानवता के सर्वगुण सम्पन्न थे। वह एक महान संगीतज्ञ, अच्छे गायक, प्रकांड विद्वान, ज्योतिष विद्वान, वायु पुत्र, बजरंगी अष्ट सिद्धि और नौ निधियों के […]

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धार्मिक आस्था का प्रतीक – चेट्रीचंड्र पर्व

भारतवर्ष सदियों से आध्यात्मिकता में विश्वास रखने वाला विश्व का ऐसा पहला देश है जहां हजारों वर्ष पूर्व से ही अखंड भारत में आध्यात्मिकता भारत की संस्कृति की नींव रही है, क्योंकि अगर हम इतिहास को खंगाले तो हमें पौराणिक कथाओं से भरपूर मिलेंगे जो आज भी भारतीय पुरातत्व विभाग की खुदाई या अन्वेशण में […]

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योगिराज श्रीकृष्ण का सदाचार

महाभारत के प्रमुख पात्र योगिराज श्रीकृष्ण भारतवर्ष की महान् विभूतियों में से एक थे। वे सदाचारी और आदर्श पुरुष थे। वे आदर्श संयमी और मर्यादावादी व्यक्ति थे। पुराणकारों ने उनके उज्ज्वल स्वरूप को बिगाड़ दिया। उनकी देखा-देखी जयदेव, चण्डीदास और सूरदास आदि कवियों ने भी उनके रूप को बहुत विकृत कर दिया है। उनके विषय […]

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होली वेदों से आज तक

वैदिक युग में होली को ‘नवान्नेष्टि यज्ञ’ कहा गया था, क्योंकि यह वह समय होता है, जब खेतों में पका हुआ अनाज काटकर घरों में लाया जाता है। जलती होली में जौ और गेहूं की बालियां तथा चने के बूटे भूनकर प्रसाद के रूप में बांटे जाने की परंपरा आज भी थोड़ी-बहुत दिखती है । […]

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सामाजिक समरसता और उल्लास का पर्व – होली

भारतीय संस्कृति में होली के पर्व का अद्वितीय स्थान है। यह पर्व उमंग, उल्लास, उत्साह और मस्ती का पर्व है। होली का पर्व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला पर्व है। होली का पर्व जलवायु परिवर्तन का भी संकेत देता है । होली का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया […]

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कर्मयोगी कौन है

यह बात 2004 की हैं। मेरे मन में बदरीनाथ केदारनाथ जाने की इच्छा जागी । ऋषिकेष पहुंचकर मैं सुबह ही बस में बैठ गया जब शाम के 4-5 बजे तो मुझे बस में लगातार 13 घंटे बैठने के बाद थकावट लगने लगी हालांकि मैने टिकट लम्बी यात्रा का लिया था मैने बस से उतर कर […]

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गोदान की धनिया और धनिया का गोदान

गोदान के संदर्भ में दो मुख्यत: बातें सामने आती हैं। एक 1936 में प्रकाशित मुंशी प्रेमचंद का जग जाहिर उपन्यास गोदान और दूसरा मत्यु के उपरान्त वैतरणी पार करने के लिए गोदान। इन दोनों गोदानों में गाय का जिक्र है साथ ही आज के दौर में परिवर्तन की शुरुआत हो गई है। अब गाय के […]

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धर्म

आत्म शुद्धि साधन धर्म हैं अर्थात जिस भी साधन से आत्मा की शुद्धि होती है वह धर्म हैं । मंदिर, मस्जिद व उपाश्रय में जाना ही नहीं होती है किसी धार्मिक की पहचान ।इसलिए जरूरी है हम सदाकरते रहें नैतिक आचरण व सदभावना का व्यहारिक अनुष्ठान ।बिना धर्म को जीए धर्म का रूप रहता है […]