धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आर्यसमाज और विज्ञान पर आर्य मनीषी पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय जी के उपयोगी विचार

आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय जी (1881-1968) ने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है ‘इस्लाम

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

जीवन की सफलता का आधार ज्ञान व पुरुषार्थ

मनुष्य जीवन हमें परमात्मा से पूर्वजन्म के प्रारब्ध को भोगने व नये कर्म कर दुःखों से मुक्ति प्राप्त करने के

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

स्वामी अग्निवेश जी के नाम खुला पत्र

दिनांक 2 जनवरी, 2019 के हिंदुस्तान हिंदी समाचार के दिल्ली संस्करण में “लैंगिक समानता के लिए जुड़े हाथों से हाथ”

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

संस्कृत अर्थ-साधक भी है

ओस्वामी वेदानन्द (दयानन्द) तीर्थ जी ने ‘हम संस्कृत भाषा क्यों पढ़ें?’ शीषर्क से एक पुस्तक लिखी है। इसका प्रकाशन ‘विरजानन्द

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर सभी मनुष्यों द्वारा वेदमन्त्रों सहित उनमे निहित भावों से स्तुति व उपासना का पात्र

ईश्वर संसार के सभी लोगों द्वारा स्तुति का पात्र है। ऐसा क्यों है? इसका उत्तर है कि उसने जीवों को

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

महाभारतकाल के बाद ऋषि दयानन्द ही ने सर्वप्रथम सर्वांगीण सद्धर्म का प्रचार किया

धर्म सत्याचरण को कहते हैं। इसके लिए मनुष्य को व्यापक रूप से सत्य व असत्य का ज्ञान होना आवश्यक है।

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

भारतीय और अंग्रेजी नववर्ष में जानिए अंतर क्या है?

भारत में कुछ लोग अपना नूतन वर्ष भूल गए हैं और अंग्रेजो का नववर्ष मनाने लगे हैं, उसमें किसी भारतीय

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषि दयानन्द की स्वदेश सहित विश्व के सभी मनुष्यों को देन

महाभारत काल के बाद से लेकर वर्तमान समय तक यदि हम संसार के महापुरुषों पर दृष्टि डालें तो हमें ऋषि

Read More