लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति-निवारण में विद्यमान उपयोगी कुछ ऋषि-वचन
ओ३म् ऋषि दयानन्द ने एक लघु-ग्रन्थ ‘भ्रान्ति–निवारण’ लिखा है। यह लघु-ग्रन्थ ऋषि दयानन्द ने पंडित महेशचन्द्र न्यायरत्न, कलकत्ता की पुस्तक
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Read Moreभारतीय संस्कृति में पर्व,उत्सव ओर त्यौहार। अपने आप मे एक नया संदेश लेकर आते है।श्रावण का महिना मुख्यतः महिलाओं के
Read Moreसर्वप्रथम मैं यह स्पष्ट कर देना जरूरी समझाता हूँ कि मुझे महादेव शिवशंकर में पूर्ण आस्था है और मैं भी
Read Moreओ३म् संसार में सत्य और असत्य तथा विद्या और अविद्या का अस्तित्व है और मनुष्य को दोनों का ज्ञान होना
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीनतम एवं ज्ञान विज्ञान से युक्त प्राणी मात्र का हितकारी धर्म है। यही एक
Read Moreओ३म् हम विगत अनेक वर्षों से इस संसार में रह रहे हैं। सभी मनुष्यों की अपनी-अपनी जन्म तिथी है। यह
Read Moreयह जगत पांच भौतिक तत्वों द्वारा बना है। इन तत्वों में आकाश सबसे सूक्ष्म है। इसी कारण आकाश अपने अस्तित्व
Read Moreओ३म् हमारी पृथिवी हमारे सूर्य का एक ग्रह है। इस पृथिवी ग्रह पर मनुष्यादि अनेक प्राणी विद्यमान है। हमारी यह
Read More(वेदों में शिव विषय ओर मेरा एक लेख प्रकाशित हुआ। उस लेख को पढ़कर अनेक युवकों ने शंका पूछी कि
Read Moreहिन्दू समाज में शिवजी भगवान को कैलाशपति, नीलकंठ आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। नीचे एक चित्र दिया गया
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