शिक्षा और नैतिकता पर वैदिक चिन्तन : आधुनिक सन्दर्भ में
आधुनिक सन्दर्भ में प्रस्तुत विषय की नितान्त आवश्यकता है। शिक्षा में नैतिकता के बिना मानवीय मूल्यों का ास दिन-प्रतिदिन दिखायी
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Read Moreओ३म् मनुष्य जीवन और इतर प्राणियों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अन्तर यह है कि मनुष्य अपनी बुद्धि की सहायता
Read Moreओ३म् हम इस संसार में वर्षों से रह रहे हैं। हममें से अधिकांश लोगों ने शायद यह मान लिया है
Read Moreभारत में आज अनेक संकट छाये हुए हैं – भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कट्टरवाद, धर्मांतरण, नैतिक अध : पतन, अशिक्षा, चरमरायी हुई
Read Moreशीर्षक देखकर ऐसा नहीं लगता कि शायद हम किसी धार्मिक विषय पर किसी चर्चा का उल्लेख करने जा रहे हैं
Read Moreओ३म् मनुष्य का शरीर अन्नमय है। यह शीतोष्ण आदि कारणों से रोगी होकर दुःखों को प्राप्त होता है। व्यायाम की
Read Moreओ३म् आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती वेदों के उच्च कोटि के विद्वान एवं सिद्ध योगी थे। योग में सफलता,
Read Moreओ३म् हमारा यह शरीर हमें परमात्मा से मिला है। यह शरीर हमारी आत्मा का साधन है। यह ऐसा साधन है
Read Moreओ३म् संसार का सबसे प्राचीन धर्म व संस्कृति वैदिक धर्म है। संसार के सभी मनुष्यों का धर्म एक ही होता
Read Moreओ३म् हम मननशील होने से मनुष्य कहलाते हैं। मनन हम सत्यासत्य व उचित अनुचित का ही करते हैं। सत्य व
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