शंकराचार्य तथा अन्य गुरू
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: । गुरुर्साक्षात् परब्रह्मं, तस्मे श्री गुरवे नमः ।। हिन्दू समाज के आदि शंकराचार्य के लिखे इस
Read Moreगुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: । गुरुर्साक्षात् परब्रह्मं, तस्मे श्री गुरवे नमः ।। हिन्दू समाज के आदि शंकराचार्य के लिखे इस
Read Moreमनुष्य का धर्म क्या है व अधर्म किसे कहते हैं? आज का शिक्षित मनुष्य स्वयं को सभ्य कहता है परन्तु
Read Moreसंसार के सभी धर्म जो वस्तुतः मत-मतान्तर व मजहब आदि हैं, सर्वांगीण न होकर एकांगी हैं। इनमें सत्य व असत्य
Read Moreस्वामी श्रद्धानन्द का प्रकाशमय जीवन एक काल में घोर अन्धकार में था। आप लिखते हैं जब मैं छोटा था मेरे
Read Moreहमें मनुष्य जन्म हमारे माता-पिता से मिला है। माता-पिता चाहते हैं कि हमारी सन्तानें हमारे अनुकूल हों और हमारी सेवा
Read Moreहम मनुष्य हैं। हम संसार में आते हैं। हमारा सबसे पहले माता–पिता से सम्बन्ध बनता है। माता की ही गोद
Read Moreस्वामी श्रद्धानन्द – धर्म और सम्प्रदाय में क्या अंतर है ? संसार के सम्प्रदाय धर्म की रक्षा के लिए स्थापन
Read Moreपक्षपात वहीं सत्ता या व्यक्ति करता है जो अज्ञानी, अल्पज्ञानी, स्वार्थी, मक्कार, कामी आदि अवगुणों से युक्त है। यदि किसी
Read Moreहम सब अपनी आंखों से संसार को देखते हैं। सूर्य को भी हम अपने चर्म चक्षुओं की सहायता से देखते
Read More