आपकी ही तरह मैंने भी बचपन में सैकड़ों कहानियाँ सुनी हैं। यह याद तो नहीं कि मैंने कैसे पढ़ना-लिखना सीखा। हाँ इतना याद है कि जब पढ़ना-लिखना सीख लिया तो अनगिनत कहानियाँ पढ़ने को मिली। मुझे अच्छी तरह से याद है कि बचपन में ही मैंने रेल, समुद्र, गिलहरी, हाथी और जहाज के दर्शन कहानियों […]
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कब्ज की सरल चिकित्सा
आकस्मिक दुर्घटनाओं को छोड़कर सभी रोगों की माता पेट की खराबी कब्ज है। इसमें मलनिष्कासक अंग कमजोर हो जाने के कारण शरीर से मल पूरी तरह नहीं निकलता और आँतों में चिपककर एकत्र होता रहता है। अधिक दिनों तक पड़े रहने से वह सड़ता रहता है और तरह-तरह की शिकायतें पैदा करता है तथा बड़ी […]
आज की विचारधारा : विचार धारा या विरासत में मिली हुई सोच ???
हर इंसान की दूसरे इंसान, समाज, समूह, वर्ग और संस्था आदि के बारे में कोई न कोई सोच अथवा विचार होता है.हम जो कुछ भी विचारधारा रखते हैं, आवश्यक नही है की वोह विचारधारा पूर्ण ज्ञान अथवा पूरे तथ्यों पर आधारित हो. अधिकांशत: हमारी विचारधारा हमे विरासत में मिलती है. हमारे आस पास का वातावरण जैसे की […]
धर्म त्याग रहे हैं यूरोप के मुसलमान
यूरोप में बड़ी संख्या में मुसलमान सार्वजनिक तौर पर अपना धर्म छोड़कर ईसाइयत अपना रहे हैं। पैस्टर सईद उजिबोऊ उन चंद लोगों में से हैं जिन्होंने इस्लाम छोड़ने के अपने फैसले को सार्वजनिक तौर पर कबूला। वह कहते हैं, ‘अब वक्त आ गया है कि हम छिपना बंद करें।’ फ्रांस में रहने वाले 46 साल […]
पाप का घड़ा एक न एक दिन फूटता ही है
एक कहावत हैं “पाप का घड़ा एक न एक दिन फूटता ही है”आज रामपाल को देख कर यही कहना चाहता हूँ कि यह फूट गया। स्वामी दयानंद जैसे महान वेदों के विद्वान, समाज सुधारक, युगपुरुष के विरुद्ध असभ्य जंगली भाषा में फालतू बयानबाजी करने वाले रामपाल की बाकि जिंदगी अब जेल में उसी कर्मों के […]
माँ को सिखाया कम्प्यूटर पर कार्य करना
इस वक्त मेरे हाथ में एक बहुत पुरानी कॉपी है जिसमें एक बच्चे ने अपनी बेहद खराब हैंडराइटिंग में कुछ अक्षर लिखने की कोशिश की है। शायद उसे ‘क’ अक्षर लिखने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन ‘क्ष’ और ‘ज्ञ’ उसे बहुत भयानक लगते थे। अगर उसका बस चलता तो वह फौरन इन दोनों अक्षरों […]
इंटरनेट के माध्यम से e-gurukul का संचालन करने का विचार
मित्रों, आपसे कुछ विचार करना चाहता हूँ। देश-विदेश में अनेक ऐसे युवा हैं जो वेद, दर्शन, उपनिषद्, संस्कृत भाषा सिखने के इच्छुक हैं परन्तु अपनी व्यवसाय, अपनी शिक्षा, अपनी परिवार के कारण किसी भी वैदिक गुरुकुल में प्रवेश लेने में असमर्थ हैं। आज इंटरनेट क्रांति का युग हैं। इस युग में घर बैठे वैदिक सिद्धांतों […]
मंगल पर ऐतिहासिक विजय
२४ सितम्बर, २०१४ का वह सुहाना सवेरा क्या कोई भारतीय भूल पाएगा? शायद कभी नहीं। यह दिन हमारे लिये उतना ही गौरवशाली और ऐतिहासिक है जितना अमेरिकियों के लिए २१ जुलाई १९६९ था जिस दिन नील ए. आर्मस्ट्रौन्ग ने चन्द्रमा पर पहला कदम रखा था। भारतीय वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया जिसे सारी दुनिया असंभव […]
गांवों को विकास की धुरी बनाने के पक्षधर थे पं दीनदयाल
एकात्मक मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल महान दार्शनिक, विचारक, इतिहासकार और राजनीतिक भी थे। उन्होंने देश के विकास के लिए गांवों को विकास की धुरी मानते हुए देशी माडल तैयार करने की जोरदार वकालत की थी। उनमें गजब की सांगठनिक क्षमता थी जिसकी बदौलत उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में अलग पहचान कायम की। आज जब केंद्र […]
गाँव का गुरुकुल
अगर मुझसे पूछा जाए कि अमृत और स्याही में से तुम क्या लेना पसंद करोगे तो मैं हर बार स्याही को ही चुनूंगा, ताकि यह कलम के जरिए उजाले की ताकत बन सके। उजाले से मेरा मतलब दुनिया को अच्छाई से रोशन करने वाली सभी कोशिशों से है। मेरा जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के […]