लेख– बोया पेड़ बबूल का, फ़िर आम कहाँ से होय।
काफ़ी प्रचलित कहावत है जैसा बोओगे, वैसा काटोगे। फ़िर विपक्ष द्वारा संसद न चलने दिए जाने पर सत्ता पक्ष का
Read Moreकाफ़ी प्रचलित कहावत है जैसा बोओगे, वैसा काटोगे। फ़िर विपक्ष द्वारा संसद न चलने दिए जाने पर सत्ता पक्ष का
Read Moreवर्तमान समय में देश की राजनीति व सत्ता विपक्ष का रवैया बेहद शर्मनाक दौर से गुजर रहा है। सभी दल
Read Moreजब से एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है तब से दलितवाद की राजनीति ने अचानक से
Read Moreबड़ी दुःखद और शर्मनाक स्थिति है, उस जनतांत्रिक देश में। जहां की लोकतांत्रिक व्यवस्था अपने आप को जनता की सेवक
Read Moreहमारा मुल्क़ कमज़ोर नहीं है, क्योंकि वह कल सोने की चिड़िया था। साथ में आने वाले वक्त में भी रहेगा।
Read Moreभारत में लोकतन्त्र अराजकता का पर्याय बनता जा रहा है। संसद के हर सत्र में सत्ता न मिलने की कुंठा
Read Moreजयचंद का नाम आप सभी ने सुना होगा। पृथ्वीराज चौहान को हराने के लिए उसने मुहम्मद गौरी का साथ दिया
Read Moreकुछ दिनों पूर्व भारतीय सीमा में घुंसे तीन चीनी हेलीकाप्टर की खबर सुर्ख़ियों में आई थी। चीन की अवैध रूप से
Read Moreसामाजिक व्यवस्था से वर्ग विभेद आज़ादी के सत्तर वर्षों बाद भी नहीं मिट सका। इसका उत्तरदाई कौन है। शिव, सत्ता
Read Moreरामनवमी के दिन से ही बिहार और बंगाल हिंसा की आग में जल रहे हैं, लेकिन देश के सभी सांसद
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