हिन्दी साहित्य में ऑनलाइन का होना कितना सार्थक
किसी भी चीज की दशा तभी ठीक रहेगी जब दिशा सही हो।दिशा अर्थात मार्ग जो लक्ष्य की ओर जाता हो।लक्ष्य
Read Moreकिसी भी चीज की दशा तभी ठीक रहेगी जब दिशा सही हो।दिशा अर्थात मार्ग जो लक्ष्य की ओर जाता हो।लक्ष्य
Read Moreमनिहारी से ‘बनफूल जन्मस्थली पुरस्कार’ की शुरुआत हो तथा स्थानीय स्थापित साहित्यकारों को सादरामन्त्रित कर प्रतिवर्ष उन्हें पुरस्कृत भी की
Read Moreफुलपरास विधानसभा क्षेत्र, मधुबनी, बिहार के वरिष्ठ लेखक और कवि श्री लालदेव कामत सर ने मैथिली भाषा में तीन पुस्तकों
Read Moreमिश्रित हिंदी उपन्यास ‘मैला आँचल’ की हिंदी ‘पंडित कामता प्रसाद गुरु’ की हिंदी नहीं है, किन्तु एक सर्वेक्षण में यह
Read Moreकविता और अभाज्य संख्या– दोनों है तो उपयोगी, अन्यथा अनुपयोगी ! बात कविता से शुरू करते हैं, शीर्षक है ‘रेनकोट
Read Moreहिंदी लेखक रूपनारायण सोनकर की स्वानुभूति (भटकटैया, हंस, नवम्बर 2019) है, जिनमें उनके द्वारा रचित वैज्ञानिकी फ़िक्शन ‘सूअरदान’ से चुराई
Read Moreजन्मतिथि कहीं 20 जुलाई 1912, तो कहीं 21 जून 1912 उद्धृत है । उनका मूल नाम विष्णु दयाल से वे
Read Moreहिन्दी या हिंदी शब्द भारतीय भाषाओं के शब्दकोश नि:सृत नहीं है । वैसे हिंदी, हिन्दू, हिंदुस्तान नामक शब्द संभवत: अरबियों
Read More‘भुवन शोम’, ‘हाटे बजारे’ आदि राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त बांग्ला उपन्यासों के लेखक डॉ. बलायचंद्र मुखोपाध्याय ‘बनफूल’ की जन्मभूमि कटिहार
Read More“कविता समय के धड़कनों को प्रस्तुत करती हैं यहीं उनकी जीवंतता भी होती हैं । समय से संवाद की अनुभूतियां
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