भाषा-साहित्य

भाषा-साहित्य

साहित्य निष्प्राण हो जाएगा अगर जन सरोकार से दूर किया गया

साहित्य को समाज का दर्पण होना चाहिए अर्थात् समाज के चेहरे को हूबहू दिखाने के सामर्थ्य से सम्पन्न। सिर्फ इतना

Read More
भाषा-साहित्य

देवभाषा व राष्ट्रभाषा के प्रति क्रान्तिकारी वीर सावरकर के अमूल्य विचार

“संस्कृतनिष्ठ हिंदी जो संस्कृत से बनायी गयी है और जिसका पोषण संस्कृत भाषा से हो, वह हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा होगी।

Read More
भाषा-साहित्य

नागरी लिपि के सम्मुख उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने की तैयारी

एक समय था जब महात्मा गांधी और विनोबा भावे जैसे स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से राष्ट्रभाषा के रूप

Read More
ब्लॉग/परिचर्चाभाषा-साहित्य

पुस्तक पढ़ने के प्रति कम होता आकर्षण

एक बार फिर किताबों से दोस्ती करने का बेहतरीन मौका मिला. १६ नवम्बर को जमशेदपुर सिटी में पुस्तक मेला का

Read More