व्यंग्य – चिंतामणि की चिंता और सरकार
आप चिंता न करिएगा। मैं जिस बात पर चिंतन करने जा रहा हूं, वह चिंता पर ही है। आप सोच
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Read Moreहमारे देश में आजकल धड़ाधड़ चोटियां काटी जा रही हैं ।अभी बिहार में लालू यादव की चोटी कट गई ।देश
Read Moreयह कहानी मेरे परदादा ने मेरे दादाजी को सुनाई थी, दादाजी ने दादी को और दादी ने मुझे सुनाई थी,
Read Moreफिर आजादी … आजादी का वह डरावना शोर सचमुच हैरान करने वाला था। समझ में नहीं आ रहा था कि
Read Moreबाकी मुर्गियां पिंजड़े में बंद कटने का इंतज़ार कर रहीं थीं। एक मुर्गी कट चुकी थी, पर पूरी तरह नहीं,
Read Moreमहाकवि मूसल का काव्य नारी सुलभ भावनाओं तथा उसकी समग्र चेतना से सराबोर रहा है। उनकी चेतना का आलम यह
Read Moreसावन, बाबा भोले नाथ का महीना, बारिश का महीना, प्रेम का महीना. हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है, रामकृपाल
Read Moreजब से मुफत में ऊपर की सैर की थी, दिमाग में यह आता रहता था कि काश! सच में ही
Read Moreएक शिक्षक होने के नाते कहता हूँ कि मुझे अपने प्रजातांत्रिक देश की शिक्षाप्रणाली का वह अंग सबसे अधिक पसंद
Read More“आप तो, काम करते ही नहीं” बहुत पहले यह जुमला मेरे कानों में पड़ा था। तब मैं आश्चर्य से भर
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