पथ प्रदर्शक
गाँधीजी हिन्दू समाज में जात-पाँत व ऊँच-नीच से इतना घबरा गए थे कि उन्होंने एक लेख लिखा, जिसका शीर्षक था-
Read Moreगाँधीजी हिन्दू समाज में जात-पाँत व ऊँच-नीच से इतना घबरा गए थे कि उन्होंने एक लेख लिखा, जिसका शीर्षक था-
Read Moreअबतक की ज़िंदगी में मुझे ‘नोंचु’ आदमी ज्यादे ही मिले हैं, नि:स्वार्थ वाले बहुत कम ! •••• प्रायः अखबारों में
Read More21 जनवरी 2018 को पूरे बिहार में ‘बाल विवाह और दहेज लेने -देने’ के विरुद्ध जन -अभियान के तहत सर्वाधिक
Read Moreमहान योद्धा महाराणा प्रताप…. मेवाड़ छिन्न -भिन्न हो गया….. जंगलों में सपरिवार दर -दर ठोकरें खाते घास की रोटियाँ खाई,
Read Moreआज कल मुझे कुछ मित्र और जान पहचान वालों के फ़ोन आते है और जहाँ कोई मिल जाता है, पूछता
Read Moreखुली आंखों से जो देखा वो सपने बन गए बंद आंखों से जो देखा वो सामने आ गए। समझकर भी
Read Moreअगर सनातन पर अब कीच उछालेंगे हम सब उनके घर में घुस कर मारेंगे। माफी मांगें तो भी काम नहीं
Read Moreसाहित्य वसुधा परिवार द्वारा विश्व हिंदी दिवस,विवेकानन्द जयंती, मकर संक्रांति पर गद्य लेखन के तहत आयोजित प्रतियोगिता में संजय वर्मा”दृष्टि”
Read More