बन सका न ये इंसान
देख तेरे इस जग की हालत क्या हो गई भगवान। ईंट-गारे के महल बने हैं बन सका न ये इंसान।
Read Moreदेख तेरे इस जग की हालत क्या हो गई भगवान। ईंट-गारे के महल बने हैं बन सका न ये इंसान।
Read Moreओ३म् हम संसार में रहते हैं और इस सृष्टि का साक्षात् व प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। हम जानते व मानते
Read More”संघर्ष, संघर्ष, संघर्ष—-जिधर नजर जाती है संघर्ष ही संघर्ष!” भयभीत श्यामली चिल्लाने लगी. ”संघर्ष कौन नहीं करता?” एक आवाज आई.
Read Moreकिसी मनुष्य द्वारा त्याग किए गए मलमूत्र की साफ-सफाई के लिए व्यक्ति विशेष को नियुक्त करने की व्यवस्था सर्वथा अमानवीय
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