संस्कार
संस्कारों का भी अपना संसार है, संस्कारों पर भी सबके अलग मानदंड हैं। सब अपने अपने ढंग से संस्कार ही
Read Moreजब बस्तियों में आग सुलग रही थी तो तुम क्या सोच कर प्रेम- कविताएं लिख रहे थे। जब हवाएं गर्म
Read More■मकान बनाना यह आश्चर्य नहीं, मेरे यहाँ तो रोज ब रोज ! मकान ढहना, मकान का जीर्णोद्धार या नए सिरे
Read Moreबिजली रानी फिर रूठ गई है, तीन-चार दिनों से बात नहीं कर रही है । आज तो हद हो गई,
Read Moreइस देश से ‘करप्शन’ व ‘भ्रष्ट आचरण’ कभी नहीं मिट पाएगा, कई आंदोलनों के जनक बिहार से तो इस संबंध
Read Moreजोहार बन्धु ! बिहार में 24 सितम्बर 2018 से ‘पॉलिथीन’ उत्पाद के चलन पर रोक। प्राकृतिक-संतुलन बनाये रखने के लिए
Read Moreहर व्यक्ति को रोज बैठकर ‘पोंछे’ (साफी) लगाने चाहिए, चलते हुए ब्रश (दातुन या दतवन) करने चाहिए और रोज नाश्ते
Read Moreजल,जंगल और जमीन ये प्रकृति का उपहार है, पर्यावरण का ही नहीं हर प्राणी का जीवन आधार है। इसका संरक्षण,
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