कन्हैया जेल में है
हे देवकी-वसुदेव! क्या अभी भी तुम इतने लाचार हो! जिसने तुम्हें कैद से बाहर किया माँ-बाप का दर्जा दिया जन्मते
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Read Moreराहों में मेरी शूल विछे हैं ठोकर से घबराऊँ क्यूँ जो बोयी हूँ वह काटूँगी अंतस नीर बहाऊं क्यूँ देख
Read Moreआ लौट चलें गांव की तरफ जहां हो न कोई भारी भरकम सड़क जहां हो सड़क के किनारे नत्थू चाचा
Read Moreराम-राम जी। हरियाणा में किसी राह चलते अनजान को भी ये ‘देसी नमस्ते’ करने का चलन है। यह दिखाता है
Read Moreकुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है यह चंद लाइन हैं नीरज जी की कविता की
Read Moreओ३म् हम मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्य कहलाने का कारण परमात्मा द्वारा हमें बुद्धि व ज्ञान का दिया जाना तथा हमें
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चैथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश
Read More1.कृष्ण बना दे मां मुझको तू कृष्ण बना दे, देश प्रेम की लगन लगा दे, छोटा-सा पीताम्बर पहना, छोटी-सी वंशी
Read Moreप्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसे तमाम मौक़े आते है जब उसको जीवन मे हार का सामना करना पड़ता है
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