रावण के नाम पर बौद्धिक प्रदुषण
जूठ को हज़ार बार चिल्लाओ सत्य लगने लगेगा। यही काम आज अम्बेडकरवादी ,भीमसैनिक, ओशोवादी, वामपंथी जैसे कि सुरेंद्रकुमार अज्ञात व
Read Moreजूठ को हज़ार बार चिल्लाओ सत्य लगने लगेगा। यही काम आज अम्बेडकरवादी ,भीमसैनिक, ओशोवादी, वामपंथी जैसे कि सुरेंद्रकुमार अज्ञात व
Read Moreसुख-दुख मन के दो भाव हो मन के अनुकूल तो सुख हो मन के प्रतिकूल तो दुख, सुख-दुख मन की
Read Moreबहुत कुछ सीख दे रहा रक्तबीज कोरोना। मिल जुलकर प्यार से घर में ही रहना। रिश्तों की सुध लेते रहना।
Read Moreदुखी है सारी दुनियां जापान से ले कर इंडिया ऑस्ट्रेलिया से ले कर अमेरिका बस फैला है कोरोना दुखी है
Read Moreसूनी आखों में इक आस अभी बाकी है दूर देखता हूं तो उजास अभी बाकी है तेरी यादों का सहारा
Read Moreकोरोना से लडेंगे, घर में ही रहेंगे, न निकलेंगे, न निकलने देंगे, अपने घर में आने न देंगे, पर कुछ
Read Moreवक्त कितना भी बुरा हो, गुजर जाना ही होता है। हर जख्म की फितरत में, भर जाना ही होता है।
Read Moreरात की बेहोशी का तुम, नींद जैसा नाम न दो ग़म सारे गायब हो जायें, एैसा कोई जाम न दो
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