कैसे बचाओगे बेटियो को तुम
शिक्षा के मन्दिर मे , बलात्कार करते हो तुम, गुरु के पवित्र नाम पर , कलंककित होते हो तुम, हे
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Read Moreगणतंत्र दिवस की सुबह आई है, सबके चेहरे पर खुशियां छाई हैं। अधिकार हमें इसी दिन मिले थे, जीवन को
Read Moreरचें सियासी बेशरम, जबजब भी षड्यंत्र ! आँखे मूँद खड़ा विवश, दिखा मुझे गणतंत्र !! कहलाता गणतंत्र का, दिवस राष्ट्रीय
Read Moreआगरा | यूथ हॉस्टल (आगरा) के सभागार में बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी व विश्वशांति मानव सेवा समिति के संयुक्त
Read Moreभव भय से मुक्त अनासक्त, विचरि जो पाबत; बाधा औ व्याधि पार करत, स्मित रहबत ! वह झँझावात झेल जात,
Read Moreविरोध करेंगे, गतिरोध नहीं (लघुकथा) ”बहिनो और भाइयो, हमारे मन की आवाज है- छिड़ने दो न्याय के तारों को
Read Moreक्या गजब किया ये क्या हूजूर हो गए मतलब में पास पास थे अब दूर हो गए जब काम था
Read Moreवो सवाल से डरता बहुत है जो भी जुल्म करता बहुत है क्यों हुआ हादसा, क्यों लुटे रहजनें अगर पूछो
Read Moreलाल रंग कच्चा इरादों में पक्का बाधं आयी ..सुन तेरे नाम का धागा सच्चा.. अहसास सारे मन के सब तेरे
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