बाल गीत “जीत गया कुहरा”
कुहरे और सूरज दोनों में,जमकर हुई लड़ाई। जीत गया कुहरा, सूरज ने मुँहकी खाई।। — ज्यों ही सूरज अपनी कुछ
Read Moreकुहरे और सूरज दोनों में,जमकर हुई लड़ाई। जीत गया कुहरा, सूरज ने मुँहकी खाई।। — ज्यों ही सूरज अपनी कुछ
Read Moreनन्ही-सी मैं चिड़िया हूं, अपनी ममा की गुड़िया हूं, लगती हूं मैं भोली-सी, बड़ी गजब की पुड़िया हूं. अभी तलक
Read Moreकौन कहता है कि यह कलयुग है? जी नहीं ,आपके कलों के युग कलयुग को प्लस्टिक ने अपने आगोश में
Read Moreईंटों से घर बना हमारा। विद्यालय भी बनता प्यारा।। मिट्टी को साँचे में भरते। सुघड़ ईंट का सर्जन करते।। भट्टे
Read Moreहर दिन दूने रात चौगुने, भूख-प्यास के दाम हुए। नेताजी! कुछ कहो तुम्हारे, नारे क्यों नाकाम हुए। तिल-तिल दर्द बढ़ाकर
Read Moreअखिलेश्वरी, भुवनेश्वरी, सर्वेश्वरी माँ शारदे सम्बल हमें दे लेखनी का ज्ञान का आधार दे हे शुभ्र वसना तू सदा रहना
Read Moreठाणे के एम एच स्कूल में आयोजित भव्य समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद भुवनेंद्र
Read Moreयह कल्पना करना ही भयावह लगता है कि अगर शिक्षा न होती तो क्या होता? अगर शिक्षा न होती तो
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