रात चाँदनी गहरी-गहरी
रात चाँदनी गहरी-गहरी प्रेम-प्रीत क्यू ठहरी-ठहरी ॥ चलो आज चाँदनी छू लें हम कुछ मन की चाही कर लें हम
Read Moreरात चाँदनी गहरी-गहरी प्रेम-प्रीत क्यू ठहरी-ठहरी ॥ चलो आज चाँदनी छू लें हम कुछ मन की चाही कर लें हम
Read Moreमैं पतंग बन जाऊं मेरा मन है कि मैं पतंग बन जाऊं मकर संक्रान्ति और पतंगोत्सव की पावन वेला पर
Read Moreगम भी खुशियां दे जाते थे, जब हम साथ तुम्हारा पाते थे। प्रीत के बंधन में बंध कर , सपनों
Read Moreसकल दुखों को परे हटाकर,अब तो सुख को गढ़ना होगा ! डगर भरी हो काँटों से पर,आगे को नित बढ़ना
Read Moreअवसर खोता है अगर , रहता है नाकाम। चाहे जितना हो प्रखर , पड़ा रहे गुमनाम। सत्य अहिंसा पर टिके
Read Moreयह सत्य है कि मनुष्य के जीवन की दिशा और दशा में परिस्थितियों का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन
Read More१२ जनवरी १८६३ को स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता में हुआ उनके जन्मदिवस को युवा दिवस के रूप में पुरे
Read Moreनफरत की आग से सारा शहर धू-धू करके जल रहा था और विपक्ष एक जुट होकर सत्तारूढ़ पार्टी को पानी पी
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