वेद और सद्धर्म की रक्षा के लिये संगठन एवं शुद्धि आवश्यक है
ओ३म् अपनी रक्षा करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म व कर्तव्य है। यह रक्षा न केवल शत्रुओं से अपितु आदि-व्याधि वा
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Read Moreसत्तालोभियों के चक्कर में बेहाल हो गया है भाई देख लो अपने भारत का क्या हाल हो गया है भाई
Read Moreठगे तुम ही गए हो आज तक कोई न फिर ठग ले तुम्ही ने ठोकरे खाई मगर अब तक नही
Read Moreदेखो बहुत सह लिए उसने जुल्मों-सितम, अब आत्मरक्षा की ख़ातिर नारी वीरांगना कहलाएगी। अपने आत्म सम्मान के बचाव में नारी,
Read Moreजो करें भंग शांति देश की , मत करना सम्मान । संदिग्धो का पता लगाकर ,चूर करो अभिमान । जो
Read Moreपुरब और पश्चिम बदल रही है सोच या हवा बदल रही पुरब की हवा अब पश्चिम से जा मिली आरक्षण
Read Moreपल-पल रंग बदलती दुनिया में गिरगिट बने बिना रह सको, तो कोई बात बने. कुदरत की चहकती-महकती दुनिया की चहक-महक
Read Moreसांचे में दुनियादारी के ढ़ल गए हो दोस्त ऐसा लग रहा है कि बदल गए हो दोस्त तुम्हारे हर कदम
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