हम ईश्वर की आज्ञा के पालन, सुख एवं वायु शुद्धि हेतु यज्ञ करते हैं
ओ३म् वेदों के मर्मज्ञ व विख्यात विद्वानों में अपूर्व ऋषि दयानन्द सरस्वती ने वेदों पर आधारित आर्य-हिन्दुओं के पांच कर्तव्यों
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Read Moreओ३म् हमारा यह जगत ईश्वर के द्वारा रचा गया अथवा बनाया गया है। ईश्वर ने इस सृष्टि की रचना जीवों
Read Moreओ३म् वेद संसार के सबसे पुराने धर्म ग्रन्थ हैं। वेद के विषय में ऋषि दयानन्द के विचार हैं कि वेद
Read Moreकहते हैं अपने पर अपनापन नहीं , कहते हैं भाई पर भाईचारा नहीं । रिश्ते, रिश्तों का सगा नहीं, कोई
Read Moreसुबह हुई है सिमट धुंध में ,ठिठुरन करती अगुआई । रंग सभी कुहरे में लिपटे ,शीत लहर यूँ गहराई ।
Read Moreबचकर रहना यार, जमाना जालिम है हो जाओ होशियार, जमाना जालिम है। अपनापन,भाईचारा खत्म हो चुका है है रिश्तों में
Read Moreजीवन की भाग दौड़, अस्त-व्यस्तता, तनाव, बीमारी, दुःख-परेशानी, आंधी-तूफान, समस्या-संकट के समय अध्यात्म शक्ति, साहस, ऊर्जा देता है, गलत रास्ते
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