यक्ष प्रश्न
दिन-रात की भागदौड़, व्यस्तता की मारधाड़ और अधिक से अधिक पा लेने की चाह में, लगता है रिश्ते कहीं खो
Read Moreदिन-रात की भागदौड़, व्यस्तता की मारधाड़ और अधिक से अधिक पा लेने की चाह में, लगता है रिश्ते कहीं खो
Read Moreलड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता। होता तो बहुत है पर वो उस को जाहिर नही
Read Moreजबसे देखे हमने तेरे रुख पे गुलालों के रंग। धुल गये दिल से जैसे सारे मलालों के रंग।। कितनी एतिहात
Read Moreहर एक लम्हा लगा था यूँ कि शायद अब करार आए। इसी उम्मीद के सदके उमर सारी गुज़ार आए।। निभाया
Read Moreहमारा शरीर पाँच प्रमुख तत्वों से बना है- ‘क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा। पंच तत्व यह रचित शरीरा।।’ यदि किसी
Read More24 नवम्बर को दिल्ली के हिंदी भवन में ‘माँ हंसवाहिनी साहित्यिक मंच’ का वार्षिकोत्सव एवं भव्य सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ,
Read Moreकैसे हँसी विलुप्त हो रही बेवजह जाने क्यों गूम हो रही दस्तक अब सुनाई नहीं देते कभी अब जो बिछड़े
Read Moreकल कोर्ट में आखिरी फैसला होने वाला था । ऑफिस से थोड़ा पहले निकल कर अमृता वकील से मिलने चली
Read Moreलक्ष्मणरेखा “हद होती है बेशर्मी की ! कम से कम बच्चों की तो शर्म की होती !” विछिप्त सा सोहम
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