ग़ज़ल
अश्क बहाकर आँख भिगोना। छोड़ो अब ये रोना धोना। हँसते रहना बाहर बाहर, अन्दर अन्दर छुपकर रोना। अश्क नहीं
Read Moreमेरी प्यारी लाड़ली लक्ष्या बिटिया, भोली-भाली प्यारी लक्ष्या गुड़िया । ठुमक-ठुमक कर पग धरती , मम्मी-पापा से बहुत प्यार करती।
Read Moreआज नेता जी फिर हमारे गाँव आ रहे थे | दस बर्ष के अंतराल बाद | पहली बार वह तब
Read Moreबेटी से आबाद हैं, सबके घर-परिवार। बेटो जैसे दीजिए, बेटी को अधिकार।। — चाहे कोई वार हो, कोई हो तारीख।
Read Moreजब से ट्रैफिक के सख्त नियम लागू हुए,राजीव काफी परेशान नजर आने लगा।ऐसा नहीं था उसके पास अपनी कार
Read Moreनई स्कूटी लेकर आया राजू भालू, उसका दोस्त चिम्पू बंदर है बहुत चालू। मीठी बातो से राजू को बहकाता,
Read Moreकिस कदर अनजान बना रहता है, अब तुझमे इंसान कहाँ रहता है। चेहरा तो रोज देखता है तू आईने
Read More20 सिंतबर की रात के समय अपने सारे कार्यो से निबट कर रोज की तरह कोन बनेगा करोड़पति देखने
Read Moreझुका के सिर, उम्र भर वो तो ख़िदमद में रहा।। सच से वाकिफ था हमेशा ही अपने कद में रहा।।
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