फिर सदाबहार काव्यालय- 32
नज़्म अधूरी इच्छा साथ ले कर क्यों चले?, अंधेरों की सौगात ले कर क्यों चलें? मन में सौ विचार आते-जाते
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Read Moreअगस्त का पहला रविवार था । सौरभ का मिजाज बदला-बदला सा लग रहा था । पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
Read Moreयद्यपि कई बीमारियों का घर हैं मेरे दोस्त का शरीर जाँच में आज सामने आया कि वो झूठ भी बोलता
Read Moreझूठे स्वर के धनी, अपने झूठे नामों और कारनामों को लेकर आये दिन विश्व स्तर पर अपनी किरकिरी कराने मे
Read Moreउत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नयी अवधारणा सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास जीतने के साथ
Read Moreपत्नी ही है प्रेमिका,पत्नी ही है मित्र। महकाती जीवन सदा,बन खुशबू का यंत्र।। पत्नी से ही प्रेम हो,पत्नी से अभिसार
Read Moreकहाँ तुम सा कोई होता है कहाँ हम सा कोई मिलता है उजड़ जाते है कई रस्मों रिवाजों के सुनहरे
Read Moreकभी -कभी करता है मन। त्याग के सब उधेड़-बुन। करूं कुछ बातें तुमसे मैं; और कुछ तुम कहो साजन। मन
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