चाँद सा जिसका सुंदर चेहरा है उसकी चाँदनी ने मुझे आ घेरा है हर तरफ उजाला सा लगता है वहाँ का छंट गया अंधेरा है रात भर सपनों में तारो सा जगमगाते हो मेरे ख्यालों...
काश ! कि गर हमदर्दी जताने की कला हमें भी आती काश ! फिर न दिल दुखता न आँखें ही दरिया बन पाती गैरों के दर्द को देखकर लगाते हमदर्दी के शब्दों का मरहम काश !...
अध्याय-2: श्री गणेशाय नमः कहानी मेरी रूदादे जहाँ मालूम होती है। जो सुनता है उसी का दास्तां मालूम होती है।। जुलाई का महीना था। गाँव के एक मात्र प्राथमिक विद्यालय (बेसिक प्राइमरी पाठशाला, दघेंटा) में दाखिलों...
सारे दर्द का फ़साना, उम्मीद ही है, बूढ़े माँ-बाप का तराना, उम्मीद ही है। बड़े लाड-प्यार से पाला, बेटे को हमने, बुढ़ापे में बनेगा सहारा, उम्मीद ही है। डॉ अ कीर्तिवर्धन
देहरादून 22 नवम्बर, 2014। हमारा देश ऋषि-मुनियों का देश है। एक समय ऐसा भी था जब हमारे पूर्वज बिना पुस्तक, कापी, पेन और पेंसिल के ही गुरू जी से अपना पाठ सुनते थे और पूरी एकग्रता...
बिना शब्दों के तुझे लिखने लगा हूँ क्षितिज से मै तुझे दिखने लगा हूँ शमा बनकर तू जल उठी है मै परवाने सा मिटने लगा हूँ जगमगाती सड़कें रात भर खामोश ही रहे टिमटिमाते तारों...
Social