प्रभु एक आश है तेरी
लिखी तक़दीर में क्या खूब कभी समझ नही आती अपने दूर चले गए नादानी समझ नहीं पाए! जब मैं थी
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Read Moreसपनों की दुनिया में सपनों की तलाश में भींगी भींगी रातों में भींगी भींगी बाहों मैं प्रियतम तेरी याद आई।
Read Moreआज मैं तुम्हें न पा सका, इसलिए न गीत गा सका। बहार फूल तो खिले मगर, मिले उसे भ्रमर न
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस 21 जून पर विशेष संगीत में वह कोमलता है, जो पत्थर को मोम बना दे, जो पर्वत
Read Moreअगर तेरा नूरानी हुश्न चुरा सकता मैं इक और ताजमहल बना सकता मैं कुछ उलझी लटों को तुम्हारी सँवार के
Read Moreहर आम चुनाव के बाद गठित सरकार के भावी एजेंडे को संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून पर विशेष पॉर्क में सैर करते हुए किशोर को योग करते देखकर नम्रता को बहुत
Read Moreचमकी बुखार का कहर प्रकृति का भी असर तपती धरती बढ़ती गर्मी झूलसते लोग दवा वेअसर। सैकडो मासूमो को, नित
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