गज़ल
यूँ तो सब अपने यहां थे कोई बेगाना नहीं दौर-ए-गर्दिश में किसी ने मुझको पहचाना नहीं थी खबर हमको बहुत
Read Moreहे युगपुरुष हे राष्ट्रभक्त कैसे तुझको मैं नमन करूँ तुम चन्दन थे भारत माता के किन शब्दों में वंदन मैं
Read Moreउड़ते हुए शब्दों को पकड़ मन पिंजर में बंद कर निर्जन शांत एकांत में बैठ जुगाली का आनंद लिया कुछ
Read Moreगोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर पैंक्रियाटिक कैंसर से एक वर्ष तक जूझने के बाद देह से
Read Moreजरा सोचो मेघना अपनी नाजो से पली चिरैया जिसे हमने सब सुख सुविधाओं के साथ पाला ,और अभी आगे भी
Read Moreलोकसभा चुनावों की प्रक्रिया और सभी राजनैतिक दलों का चुनाव प्रचार पूरी गति से अब आगे बढ़ चला है। सभी
Read Moreअर्जुन और शिखंडी में मन, भेद नहीं कर पाता है राजनीति के हाट में बगुला, भगत बना मुसकाता है शब्द
Read Moreधर्मधारा टन -टन -टन बाइस्कोप वाला आया तमाशा देखो आओ बच्चो कठपुतली का खेल देखो की आवाज सुनते ही मोहल्ले
Read Moreनिगरानी के हत्थे चढ़कर नेता और अफसर जाते बापू अगर जिंदा होते तो ये देखकर मर जाते सपना देखा था
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