राजनीति

मुक्तक/दोहा

दोहे राजनीति पर

दोहे 1-उत्सव होइ चुनाव का,बजैं जाति के ढोल। खाई जनता में बढ़े,सुन सुन कड़ुवे बोल।। 2-जातिवाद अभिशाप है,लोकतंत्र के देश।

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इतिहास

मानव अस्तित्व खतरे में !

मानवविज्ञानी एवं वैज्ञानिकों का मत है – पृथ्वी की उत्पत्ति के लाखों वर्ष बाद पृथ्वी में जीव की उत्पत्ति हुई

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