शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज
जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन
जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र.
हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ
हाथ में लेकर लोटा , शौच खुले में जाना , रोकना आज भी , है चुनौती, क्योकि , जारी है चलन , खुले में शौच का , आज भी । हाल बुरा है ग्रामीण इलाकों का , स्वच्छता से दूर , अभाव है जागरूकता का , आज भी , क्योकि , जारी है चलन , […]
सब गलतियां लड़कों की निकाल देती हैं लड़के ही नहीं बोहोत लड़कियां भी खराब होती हैं किसी भी सीधे लड़के को देखकर मुस्कुरा देती हैं और उसके साथ बात करके फसा देती हैं लड़के ही नहीं बोहोत लड़कियां भी खराब होती हैं सीधे सादे लड़के को अपने आप में उलझा देती हैं बनाकर बहाने उनको […]
धन दौलत की चाहत तो सबको होती है सही मार्ग अपनाकर हम सम्पदा बनाएं बहुत कमाई के चक्कर में उलझ गए तो संभव है ऐसी दौलत कुछ काम ना आए ।। काला बाजारी, रिश्वतखोरी बड़ी बीमारी इससे बचें खुद देश को भी इससे बचाएं सभी करों का करें हम भुगतान समय से देश की […]
2 thoughts on ““दोहा मुक्तक””
मन प्रसन्न हो गया
सादर धन्यवाद आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव जी, हार्दिक आमंत्रण व् स्वागत है
मन प्रसन्न हो गया
सादर धन्यवाद आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव जी, हार्दिक आमंत्रण व् स्वागत है