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देर सबेर विहान भयो अब गीत नरायन गाय रहा है
पाँव नहीं पनहीं पहिने हरि मंदिर रोज़ ही जाय रहा है
शाम सबेर अबेर भयो मन प्रातहि श्याम बुलाय रहा है
प्रीति हिया हरि नाम जपे मन रात नहीं दिन गाय रहा है
राजकिशोर मिश्र ‘राज’
रविवार २२/०५/२०१६
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अच्छा छंद !
अच्छा छंद !
आदरणीय जी आत्मीय स्नेहिल हौसला अफजाई के लिए आभार संग नमन