ग़ज़ल
जानता हूँ, आपदाएँ शेष हैं। क्यों डरूँ,जब तक दुआएँ शेष हैं। जन्म लेते ही रहेंगे राम-कृष्ण, जब तलक धरती पे
Read Moreहे इन्द्र ! तू बरस लेकिन इस शर्त के साथ कि मेरी मड़ई ने भींगे । महाजनी कर्ज भी कहाँ
Read Moreराखी के अवसर पर बहन जब भाई को राखी बांधती है तो उस से किसी उपहार या पैसों की अपेक्षा
Read Moreकन्याकुँवारी…. उम्र भयी अब , वर की चिंता , घर की पूँजी , दॉव लगाए , है…बाजार ,
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द (1825-1883) का जन्म गुजरात राज्य के मोरवी जिलान्तर्गत टंकारा नामक कस्बे में 12 फरवरी, सन् 1825
Read Moreशीर्षक- सहेली – आली, सखी,सखा, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री वृन्दावन की सहचरी, नयन रम्यता बाग आली झूम रही सखा, कोकिल कंठी
Read Moreहम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ? भूखे रहे,
Read Moreना स्वार्थ का लेप , ना इच्छाओं का अवलंबन है चट्टान सा मज़बूत , भाई – बहन का बंधन पर्व
Read More70 वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस दिनांक १५ अगस्त २०१६ दिन सोमवार को काव्या साहित्यिक समूह की ओर से एक स्वाधीनता
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