औरो की तरह
इख्तियार जो होता मेरा वक्त पर मैं भी आदमी होता औरो की तरह मुफलिसी न यूँ दस्तक देती न खाता
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Read Moreओ३म् इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जन्मना वर्ण-जाति व्यवस्था से ग्रस्त
Read Moreस्वतंत्रता सेनानियों और प्यारे बापू को समर्पित क्यूँ कश्ती को यूँ मझधार में छोड़ गये …..छोड़ गए… तुम तो गए
Read More15 अगस्त ! वो तारीख जिसका इतिहास भारत का बच्चा बच्चा जानता है । क्या हुआ था ? क्यों मनाया
Read Moreआज तेरा अभिषेक करूँ मैं सप्तसिंधु के धारों से हार तेरा मैं गुँथ लाऊँगा सूरज-चाँद-सितारों से पूरब-पश्चिम की लाली ले
Read Moreनहीं मिली है ज़िंदगी मरने के लिए, यह ज़िंदगी है कुछ करने के लिए गर आज नहीं तो सुख आएगा
Read Moreजब तिरंगा लहराता है , लगता कितना प्यारा है वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है भारत माँ
Read Moreदैविक गुणों से भरपूर औरत का कर्ज कभी न चुका पाऊँ पर बिगड़ी औरत से उसकी खुद की परछाई की
Read Moreउम्मीदों की कली तभी खिलेगी जब सोच को मंजिल मिलेगी प्रयासों की जब काया पलटेगी उलझी मेहनत तब सुलझेगी एकाग्र
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