“गज़ल-गीतिका”
कुछ मिला भी नही ढूढता रह गया वक्त आ कर गया देखता रह गया थी निशा भी खिली दिल सजाकर
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Read Moreडूबते उतिराते धान की फसल खेत से खलिहान को तिरछे ताकते हुए, मुँह छुपाते हुए किसान के घर में ऐसे
Read Moreविधान~[ जगण नगण भगण सगण नगण जगण गुरु]( 121 111 211 112 111 121 2)19वर्ण,4 चरण,यति5,5,5,4 वर्णों पर , दो
Read Moreपात्र परिचय -: राकेश -सहायक शिक्षक राज- सहायक शिक्षक कविन्द्र- सहायक शिक्षक दिपक-प्रधान शिक्षक हिरा- विशेष पदाधिकारी (चयनित) विवेक -बरिष्ठ
Read Moreसमाज से साहित्य,साहित्य से साहित्यकार,साहित्यकार से समाज एक दूसरे से ऐसे जुड़े हुए हैं जैसे कौई तीन पहिये वाली गाड़ी
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Read Moreपचीस दिसंबर पर वाकई ठंडी बहुत बढ़ जाती है। इधर महोबा में क्या है कि अभी तक कंबल ओढ़ने से
Read Moreआज अखबार में अपना फोटो छपा देखकर किसान अनिल को बहुत खुशी हो रही थी. उसे कुछ समय पहले की
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