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यादों के मुसाफ़िर- ‘अंसू’
हम यादों के मुसाफ़िर है, यादों के सहारे जीते हैं…! कुछ लफ्ज़ शिकायत करते है, कुछ ग़म के प्याले पीते हैं…!! तू मुझसे दूर सही लेकिन, दिल में तेरी ही यादें है, हमें लोग समझ ना पाते हो, पर तेरे लिए हम सादे हैं, इस सादे पर बेबाकीपन में, खुशियों के कनस्तर रीते हैं…! हम […]
कविता – काठ का पुतला
कुछ दर्द है दबा हुआ जो कुछ देर के लिए बाहर आना चाहता है, सीने के दरवाजे को धीरे से खोलता है बाहर को झांकता है, चोर नज़र से कभी दायें देखता है तो कभी बायें देखता है कभी ऊपर नीचे तो कभी आगे पीछे…। फिर चुपके से पार करना चाहता है उस दहलीज को […]
आँखें…
चाहे जितना छुपाओ, दिल का हर राज खोल देतीं है बडी ही बातूनीं हैं आपकी आँखें हर बात बोल देती हैं॥ कह देती है पूरी की पूरी गजल, एक इशारे में। एक ईशारे में, कई जाम का नशा घोल देती हैं॥ बडी ही बातूनीं हैं आपकी आँखें, हर बात बोल देती हैं….. हया से झुकती, […]