मलटंकी का सुलभ उपाय मिट्टी के पाट तो ज्यादा दिनों तक टिकाऊ नहीं रह पाते हैं । अगर शौचालय की मलटंकी मकान के नीचे कर दी जाय, तो मल भरने के बाद इन्हें खाली करने व कराने में व सफाई करने व करवाने में काफी दिक्कतें और अव्यवस्था आड़े आती हैं । वहीं दूसरी ओर जिनके यहाँ एकमात्र शौचालय है और परिवार के सभी सदस्य जॉब में हो, तो सुबह शीघ्र फ़ारिग होने के चक्कर में अंडरवियर में ही मल उतर आती हैं । यह मैं प्रैक्टिकल कह रहा हूँ, ऐसे में वैकल्पिक शौचालय की भी व्यवस्था हो यानी हर घर में कम से कम दो शौचालय तो होने ही चाहिए, फिर इसे बनाने के लिए सरकार को बाजार रेट के अनुसार अनुदान देने चाहिए । हाँ, बीपीएल को यह अनुदान मुफ़्त मिले ! हम खुले में शौच को ‘ना’ तो कहे ही, साथ ही दूसरे को भी ऐसा न करने को दें । इसके लिए परस्पर और पूरकीय सहयोग अपेक्षणीय है ।
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