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“मिलन मुक्तक”
5-8-18 मित्र दिवस के अनुपम अवसर पर आप सभी मित्रों को इस मुक्तक के माध्यम से स्नेहल मिलन व दिली बधाई, भोर आज की अधिक निराली ढूँढ़ मित्र को ले आई। सुबह आँख जब खुली पवाली रैन चित्र वापस पाई। देख रहे थे स्वप्न अनोखा मेरा साथी आया है- ले भागा जो अधर कव्वाली मैना […]
“दोहे”
प्रथम पूज्य गणेश हैं, नन्दन शिवा महेश आसन आय विराजिए, भागे दुख व क्लेश॥-1 दोहा ऐसी है विधा, रचे छंद अरु सार तेरह ग्यारह पर यति, स्वर सुधा अनुसार॥-2 मानव तेरा हो भला, मानवता की राह कभी न दानव संग हो, करे न मन गुमराह॥-3 पर्यावरण सुधार लो, सबके साधे खैर जल जीवन सब […]
हाइकु मुक्तक
हुआ सवेरा/पंछी चहचहाये/नींद उड़ाये अपनापन / अनमोल सौगात/प्यार जगाये रिश्तों की पूँजी/भावनाओं का मेल/ है धरोहर चाहतें नई/शालीनता सहेली/उम्र सिखाये । कौन अल्हर/ मासूम बचपन/ना मेरा मन आभाषी मंच/उत्सव सा आनंद/ चिंतित मन प्रकृति प्रेम/बागवानी का शौक/मिले आनंद बाग बगीचे/मनोहर लगते/करूँ जतन प्रेम संम्बंध/रिश्तों की मर्यादा में/पंख फैलाये बावड़ा मन/ मन के हिंडोले में/उड़ता जाये […]