कविता

नए साल….तू बता

 नए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं।
 हैप्पी न्यू ईयर
 हैप्पी न्यू ईयर कह -कह कर,
 नए साल आने की खुशी में वही…..
 बरसों  पुराना नाटक करूं।
नए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं।
पिछले साल की अनगिनत टूटी हुई उम्मीदों से,
मैं फिर से दिल को  झूठी तसल्ली दे।
नए साल से झूठी -सी  उम्मीद करूं।
नए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं।
बदल गए लोग बदल गए रिश्ते,
 जिनको जोड़ा था बरसों मिलके
नए साल नए चेहरों पर फिर से,
टूट जाने वाला विश्वास करूं।
नए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं।
दुआ  कोई लगी  नहीं।
बददुआ का अब डर  नहीं।
 किस की रहमत  के लिए,
 किसके आगे जा- जा के सजदा  करुं।
नए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं।
दिन बदलते  है।
हालत- हालात  कब  बदलें।
कुछ बता  नहीं सकते।
फिर  किस लिए,
किस बात  का इंतजार करुं।
नए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं।।
— प्रीति शर्मा असीम 
प्रीति शर्मा असीम
नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- [email protected]