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आया सावन झूम के
धरती प्यासी अंबर निहारे, आओ कहाँ हो मेघा रे। कई दिनों से आस ले बैठी, मुखड़ा न तेरा देखा रे। गोरी तन्हा रूप निखारे, बरसात ना आई वैरन रे। पिया मिलन को दिल धड़के,विरहन है बैठी जोगन रे। पपीहा की सुन ले ओ बदरा, पीह पीह कर पुकारे रे। कोयल बोली डाली डाली, कब मिलें […]
अब तुम्हारे लिए
लेखनी बनकर बस तुम रहो साथ मैं लिखूं गीत बस अब तुम्हारे लिए..।। जो बचे खाली पन्ने हैं अरमानों के प्रीति उस पर लिखूं मैं तुम्हारे लिए..।। मेरी फीकी हंसी में मिला दो हंसी मुस्कुराउंगा मैं बस तुम्हारे लिए..।। रूठकर मुझसे तुम न सताया करो प्रेम मेरा है बस अब तुम्हारे लिए..।। साथ से साथी […]
चींटी और हाथी
चींटी एक चढ़ी पर्वत पे,गुस्से से होकर के लाल । हाथी आज नही बच पावे,बनके आई मानो काल । ——– कुल मेटू तेरे मैं सारो,कोऊ आज नही बच पाय । बहुत सितम झेले है अब तक,आज सभी लूंगी भरपाय ।। ——- कुल का नाश किया मेरे का,रौंद पैर के नीचे हाय । सुन निर्मम हत्यारे […]