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जीवन संगिनी
जीवन के लंबे पथ के सहचर को साथ मिला एक साथी का मैं भी अनभिज्ञ वो भी अनभिज्ञ दोनों अनभिज्ञ बंधे दाम्पत्य के बंधन में इक दूजे से उसे पुकारे है जग भार्या, अर्धागिनी, जोरू, वामांगिनी, प्राणप्रिया, गृहलक्ष्मी, संगिनी, सहचरी, बेगम और कई नाम है उसके चाहे कह लो उसको डार्लिंग या फिर मेरी लैला […]
जियो हर पल अपनी ज़िन्दगी का
जियो हर पल अपनी ज़िन्दगी का हमेशा – बढी ही ख़ुशी के सीथ ढहलती शाम ही नही फिर – चढता सूरज भी होगा आप के साथ बात अपने दिल की कैहने के लिये – हीमत होनी चाहिये आप में बात दूसरे के दिल की भी रखनी चाहिये – आप को आप के साथ — ख़ुशियाँ […]
भाग्य विधाता
तू जब चले उस राह पर जहां न हो कोई संगी साथी न घबरा—न भयभीत हो अगर होगी लग्न सच्ची कारवां चलेगा साथ तुम्हारे सफलता की परवाह न कर सफलता तेरी राहवर होगी। आए कोई बाधा राह में हौसला न हार कभी नाकामी न रोक सके राह तेरी न डिगे विश्वास तेरा अपने हौसले से […]