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आओ अग्निवीर बन जाएँ
आओ अग्निवीर बन जाएँ, भारत माँ का भार उतारें। ढूँढ़ – ढूँढ़ दुश्मन को लाएँ, गिन – गिन कर नित उन्हें सिधारें।। जननी का जो दूध पिया है, उसको नहीं लजाना हमको। दो जीभों का नाग जिया है, नहीं छोड़ना पल भर उसको।। नहीं तिरंगा झुकने देंगे, न हो अपावन गंगा – धारा। शपथ गाय […]
बाल कविता : मैं बेचारा….
मैं बेचारा बेबस शिशु सबके हाथों की कठपुतली मैं वह करुं जो सब चाहें कोई न समझे मैं क्या चाहूँ। दादू का मै प्यारा पोता समझते हैं वह मुझको तोता दादा बोलो दादी बोलो खुद तोता बन रट लगाते मैं ना बोलूँ तो सर खुजाते। सुबह सवेरे दादी आती ना चाहूँ तो भी उठाती घंटों […]
बालगीत – गुरु ने हमको ज्ञान कराया
गुरु ने हमको ज्ञान कराया। भीतर का तम दूर भगाया।। हम सब गुरुओं के आभारी। उनकी हम पर सदा उधारी।। सोते थे हम हमें जगाया।। गुरु ने हमको ज्ञान कराया।। पहला पाठ पढ़ा जननी से। धीरज सीखा माँ धरनी से।। जनक पिता ने भार उठाया। गुरु ने हमको ज्ञान कराया।। अक्षर – बोध लिया शाला […]