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“दोहा”
“दोहावली” हँसते मिलते खेलते, दिल हो जाता खास। प्रेम गली का अटल सच, आपस का विश्वास।।-1 राधा को कान्हा मिले, मधुवन खुश्बू वास। थी मीरा की चाहना, मोहन रहते पास।।-2 गोकुल की गैया भली, थी कान्हा के पास। ग्वाल-बाल की क्या कहें, हुए कृष्ण के दास।।-3 यशुदा के दरबार में, दूध दही अरु छास। मोहन […]
चाय पर ही चोट
ऑफिस ने कमाल कर डाला.. मेरे चाय पर ही चोट कर डाला… वो चाय नही चौपाल है.. होती घर घर की बात है.. बता दी उसने मेरी औकात… बंद कर दिए व्हाटस-एप वाले सारे प्यार.. मोबाइल भी अब चार्ज नही हो पाएगा… लो बैट्ररी के साथ ही घर जाएगा…. अब कैसे होगी शाम.. जब बंद […]
दोहे
पर्वत सागर झील वन, सागर नदी पठार। लुटा रही हर रूप में, कुदरत अपना प्यार।। जीवन का अाधार है, जल की बहती धार। जल बिन जीवन कल्पना, मानव सोच विचार।। रोक नदी की धार को, मत जन जीवन छीन। नदियाँ रूधिर वाहिनी, तन है अगर ज़मीन।। पेडों को काटो नही, करती धरा पुकार। ये जंगल […]