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दोहे
नोट बंद जब से हए, लम्बी लगी कतार बैंकों में मुद्रा नहीं, जनता है लाचार | लम्बी लम्बी पंक्ति है, खड़े छोड़ घर बार ऊषा से संध्या हुई, वक्त गया बेकार | बड़े बड़े हैं नोट सब, गायब छोटे नोट चिंतित है सब नेतृ गण, खोना होगा वोट | नोटों पर जो लेटकर, […]
मुक्तक
माना कि हुस्न तेरा कुछ लाजवाब है, कत्ल करने को नैन, छिपाने को हिजाब है, हमको भी कमतर मगर न मानिये, हमारे पास इश्क में, कुछ खास जज्बात हैं| तुम मारने की कुव्वत रखती हो, जानते हैं, खुद को बचाने का अपना अंदाज है, बेवफा होते हैं कातिल, दस्तूर जमाने का, इसलिए कातिलों से दूर […]
दोहे
सजी धजी दुल्हन बनी, कर सोलह सिंगार | रूप सुहाना यूँ लगे, जैसे चाँद हजार || हरे कांच की चूड़िया, पहन चली प्रिय संग | नैनों में सपने सजे, मन में बसी उमंग || बिटियां तुम ससुराल में,रखना सबका मान | आँखों में अांसू भरे, मैया देती ज्ञान || विदा हो चली लाडली, प्रिय से […]