गीत/नवगीत

मानव जीवन में धर्म शास्त्र

धर्म शास्त्र मानव जीवन की एक कहानी
आदि युग से संत पुरुषों की सूंदर बानी
ऋषि मुनि पहले जंगल में तप करते थे
सिद्ध पुरुष बन के समाज के दुःख हरते थे
मानव को मानवता का थे पाठ पढ़ाते
और असुरता के लक्षण को दूर भगाते
सिद्ध परुष जो भी नीति का पाठ पढ़ाते
वही पाठ भविष्य में धर्म शास्त्र कहलाते
इसी तरह सब जगह हुए हैं ज्ञानी ध्यानी
धर्म शास्त्र मानव जीवन की एक कहानी

वेद पुराण उपनिषद सभी ये आर्ष ग्रन्थ हैं
दर्शन, गीता, समृति ये सब धर्म ग्रन्थ हैं
रामायण, महाभारत, और गुरु ग्रन्थ साहब
सब शास्त्रों का अध्यन श्रद्धा से करते हैं
ईसायों की बाइबलऔर कुरान यवन का
पाठ पढ़ाया मानव को मानव बनने का
सत्यार्थ प्रकाश, बुद्ध, महावीर की वाणी
धर्म शास्त्र मानव जीवन की एक कहानी

सभी शास्त्र कहते हैं मानव तनिक निहारो
जग में रहो मिल के, और कुछ सोच विचारो
कयों जग में आये हो और कब तक रहना है
इस थोड़ी सी आयु में लक्ष्य पूरा करना है
आत्म साक्षात्कार का ढंड ये शात्र बतलाते
फिर क्यों मानव अपने लक्ष्य को भूल जाते
अंत समय में एक जगह जाना है प्राणी
धर्म शास्त्र मानव जीवन की एक कहानी

— डॉ. केवल कृष्ण पाठक

डॉ. केवल कृष्ण पाठक

जन्म तिथि 12 जुलाई 1935 मातृभाषा - पंजाबी सम्पादक रवीन्द्र ज्योति मासिक 343/19, आनन्द निवास, गीता कालोनी, जीन्द (हरियाणा) 126102 मो. 09416389481