भजन/भावगीत

जय हो

गणनायक जय हो, गणपति जय हो,
तेरी वन्दना करें सब भक्त जय हो
बुद्धि के दाता, माँ पार्वती माता,
पिता शिव शम्भू जगविख्यात।

महिमा अमित तुम्हारी कोई जानता,
प्रथम पूजक गणपति तुम्हें सब मानें बप्पा
दुखों को हरने वाले सुख सम्पत्ति के दाता,
गणनायक जय हो, गणपति जय हो।

मोदक प्रिय, मूषक सवारी,
तुम सुनो पुकार हमारी
रिद्धी-सिद्धि के दाता, जय हो तुम्हारी।
तेरी वन्दना करें हम सब नर-नारी,
गणनायक जय हो, गणपति जय हो…॥

— हरिहर सिंह चौहान

हरिहर सिंह चौहान

जबरी बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001 मोबाइल 9826084157