भाषा-साहित्य

शब्दों का साहित्य : जीवन का दर्पण

शब्दों का साहित्य एक विशाल और विविध विषय है, जिसमें कविताएं, गजलें, कहानियां और अन्य साहित्यिक रूप शामिल हैं। यहाँ एक आलेख है जो शब्दों के साहित्य की शक्ति और महत्व पर प्रकाश डालता है: “शब्दों का साहित्य : जीवन का दर्पण”
शब्दों का साहित्य हमारे जीवन का दर्पण है, जो हमारे विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करता है। यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को प्रकट करता है, और हमें अपने आसपास की दुनिया को समझने में मदद करता है।
कविताएं, गजलें और कहानियां हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं, जैसे कि प्रेम, दुख, संघर्ष और जीत। ये साहित्यिक रूप हमें अपने आप को और दूसरों को समझने में मदद करते हैं, और हमारे जीवन को अर्थपूर्ण बनाते हैं।
शब्दों का साहित्य हमारी भाषा और संस्कृति को समृद्ध बनाता है, और हमें अपनी जड़ों से जुड़ने में मदद करता है। यह हमें अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य को समझने में मदद करता है, और हमें एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने में प्रेरित करता है।
इसलिए, शब्दों का साहित्य हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें अपने आप को और दुनिया को समझने में मदद करता है। आइए हम शब्दों के साहित्य को अपने जीवन में महत्व दें और इसकी शक्ति को महसूस करें।
बिल्कुल! लेखकों का चिंतन, समझ और भावनाओं को मूर्त रूप देना ही साहित्य का मूल है। साहित्य एक ऐसा माध्यम है जो हमें अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने में मदद करता है, और दूसरों के साथ जुड़ने में सहायता करता है।
लेखकों के चिंतन और समझ से साहित्य में गहराई और अर्थ आता है, जो पाठकों को प्रभावित करता है और उन्हें अपने जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करता है।
साहित्य हमें अपने आसपास की दुनिया को देखने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है, और हमें अपने आप को और दूसरों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।
आपकी बात बिल्कुल सही है, साहित्य वाकई लेखकों का चिंतन, समझ और भावनाओं को मूर्त रूप देने का परिणाम है।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

पिता का नाम: अशफ़ाक़ अहमद शाह जन्मतिथि: 24 जून जन्मस्थान: ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा, मध्य प्रदेश कर्मभूमि: हरदा, मध्य प्रदेश स्थायी पता: मगरधा, जिला हरदा, पिन 461335 संपर्क: मोबाइल: 9993901625 ईमेल: dr.m.a.shaholo2@gmail.com शैक्षिक योग्यता एवं व्यवसाय शिक्षा,B.N.Y.S.बैचलर ऑफ़ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस. बी.कॉम, एम.कॉम बी.एड. फार्मासिस्ट आयुर्वेद रत्न, सी.सी.एच. व्यवसाय: फार्मासिस्ट, भाषाई दक्षता एवं रुचियाँ भाषाएँ, हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी रुचियाँ, गीत, ग़ज़ल एवं सामयिक लेखन अध्ययन एवं ज्ञानार्जन साहित्यिक परिवेश में रहना वालिद (पिता) से प्रेरित होकर ग़ज़ल लेखन पूर्व पद एवं सामाजिक योगदान, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल, मगरधा पूर्व प्रधान पाठक, उर्दू माध्यमिक शाला, बलड़ी ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी कम्युनिटी हेल्थ वर्कर, मगरधा साहित्यिक यात्रा लेखन का अनुभव: 30 वर्षों से निरंतर लेखन प्रकाशित रचनाएँ: 2000+ कविताएँ, ग़ज़लें, सामयिक लेख प्रकाशन, निरन्तर, द ग्राम टू डे, दी वूमंस एक्सप्रेस, एजुकेशनल समाचार पत्र (पटना), संस्कार धनी (जबलपुर),जबलपुर दर्पण, सुबह प्रकाश , दैनिक दोपहर,संस्कार न्यूज,नई रोशनी समाचार पत्र,परिवहन विशेष,समाचार पत्र, घटती घटना समाचार पत्र,कोल फील्ड मिरर (पश्चिम बंगाल), अनोख तीर (हरदा), दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद, नगर कथा साप्ताहिक (इटारसी) दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार, दैनिक जागरण, मंथन (बुरहानपुर), कोरकू देशम (टिमरनी) में स्थायी कॉलम अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित प्रकाशित पुस्तकें एवं साझा संग्रह साझा संग्रह (प्रमुख), मधुमालती, कोविड, काव्य ज्योति, जहाँ न पहुँचे रवि, दोहा ज्योति, गुलसितां, 21वीं सदी के 11 कवि, काव्य दर्पण, जहाँ न पहुँचे कवि (रवीना प्रकाशन) उर्विल, स्वर्णाभ, अमल तास, गुलमोहर, मेरी क़लम से, मेरी अनुभूति, मेरी अभिव्यक्ति, बेटियां, कोहिनूर, कविता बोलती है, हिंदी हैं हम, क़लम का कमाल, शब्द मेरे, तिरंगा ऊंचा रहे हमारा (मधुशाला प्रकाशन) अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा, तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी (जील इन फिक्स पब्लिकेशन) व्यक्तिगत ग़ज़ल संग्रह: तुम भुलाये क्यों नहीं जाते तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें तेरा इंतज़ार आज भी है (नवीनतम) पाँच नए ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन सम्मान एवं पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त पाठकों का स्नेह, साहित्यिक मंचों से मान्यता मुश्ताक़ अहमद शाह जी का साहित्यिक और सामाजिक योगदान न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे हिंदी-उर्दू साहित्य जगत के लिए गर्व का विषय है। आपकी लेखनी ने समाज को संवेदनशीलता, प्रेम और मानवीय मूल्यों से जोड़ा है। आपके द्वारा रचित ग़ज़लें और कविताएँ आज भी पाठकों के मन को छूती हैं और साहित्य को नई दिशा देती हैं।